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Isn't disarming Law Abiding Citizens is the main cause for this...?

Posted: Thu Sep 27, 2018 11:47 am
by ankur_ank007
https://www.jagran.com/bihar/patna-city ... 69132.html

पटना [काजल]। एके-47 का इस्‍तमाल सेना या पुलिस बल करते हैं। लेेकिन, पिछले कुछ सालों के दौरान इसका उपयोग बिहार के अपराधी खुलेआम करने लगे हैं। इससे हत्याएं आम होती जा रही हैं। केवल उत्तर बिहार की बात करें तो यहां पिछले चार साल में एके-47 से 14 लोगों की हत्याएं की गईं है।

हाल फिलहाल रविवार की शाम बिहार के मुज़फ़्फ़रपुर के पूर्व मेयर समीर सिंह और उनके ड्राइवर को अपराधियों ने सरेशाम एके 47 से छलनी कर दिया। दोनों की मौके पर ही मौत हो गई। समीर सिंह और उनके ड्राइवर की पोस्टमार्टम रिपोर्ट में ये बात सामने आई है कि एके 47 की अंधाधुंध फायरिंग में समीर को 16 गोलियां लगीं, जबकि ड्राइवर को 12 गोलियां मारी गईं। मुज़फ़्फ़रपुर की एसएसपी हरप्रीत कौर ने इसकी पुष्टि की।



वैसे यह कोई पहला मामला नहीं है कि बिहार में हत्या के लिए एके-47 का प्रयोग किया गया है। इससे पहले दरभंगा में दो इंजीनियरों की हत्या और फिर राजधानी से सटे कच्ची दरगाह इलाके में लोजपा नेता बाहुबली बृजनाथी सिंह की हत्या में भी एके-47 का ही प्रयोग किया गया था।


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उत्तर बिहार में अपराधी अब बड़ी घटनाओं को अंजाम देने में एके-47 का उपयोग कर रहे हैं। चार साल के आंकड़ों को देखें तो 14 लोगों की हत्या में इस हथियार का उपयोग किया गया है। केवल दो एके-47 की बरामदगी हुई है। अधिकतर मामलों का पुलिस पर्दाफाश नहीं कर सकी है। बड़ा सवाल यह है कि यह हथियार आसानी से कैसे उपलब्‍ध हो रहा है?

मुजफ्फरपुर में एके-47 से चार की हत्या
2015 से अब तक एके-47 से चार लोगों की हत्या मुजफ्फरपुर में हो चुकी है। वर्ष 2015 में मिठनपुरा थाना क्षेत्र के तीनकोठिया इलाके में एके-47 से मोतिहारी के ठेकेदार रामप्रवेश सिंह की हत्या कर दी गई थी। इसमें कई बदमाशों की गिरफ्तारी हुई थी।


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2017 में मिठनपुरा के शिवशंकर पथ इलाके में ठेकेदार अतुल शाही की एके-47 से हत्या की गई। इसमें कुख्यात अंजनी ठाकुर गिरोह का नाम सामने आया था। बीते 23 सितंबर की शाम पूर्व मेयर समीर कुमार व उनके चालक को एके-47 से भून दिया गया।

मोतिहारी में नौ लोगों की हत्या
जून 2015 में मोतिहारी के श्रीकृष्णनगर में नीलाभ शक्ति उर्फ मंटू शर्मा समेत दो की एके-47 से हत्या कर दी गई। 26 अगस्त 2016 को पकड़ीदयाल के सिरहा में तीन लोगों की हत्या एके-47 हुई। जनवरी 2017 में पकड़ीदयाल के शेखपुरवा रोड में तीन लोगों की हत्या एके-47 से हुई।
17 जुलाई 2017 को छतौनी में किराना व्यवसायी इंद्रजीत जायसवाल की हत्या एके-47 से की गई। इंद्रजीत की हत्या में पुलिस ने शातिर दीपक पासवान को 18 अगस्त 2017 को एके-47 के साथ गिरफ्तार किया था। उसने बताया था कि उक्त हथियार बेतिया कोर्ट में मारे गए शातिर बबलू दुबे का था, जो उसकी हत्या के बाद उसके पास था।
बगहा में नक्सलियों ने पूर्व मुखिया की हत्या की थी
बीते 13 अगस्त को बगहा दो प्रखंड की चंपापुर गोनौली पंचायत के पूर्व मुखिया मनोज सिंह की हत्या में नक्सलियों ने एके-47 का प्रयोग किया। पुलिस इस मामले में अब तक कोई कार्रवाई नहीं कर सकी है।
रक्सौल में स्कूल में की थी अंधाधुंध फायरिंग
रक्सौल शहर के मुख्य पथ स्थित कैंब्रिज पब्लिक स्कूल में तीन जुलाई 2017 को एके-47 से अपराधियों ने अंधाधुंध फायरिंग की थी। इसमें स्कूल के कर्मचारी घायल हो गए थे। हालांकि, बच्चे बाल-बाल बच गए थे। इसमें बबलू दुबे गिरोह का नाम आया था।
समस्तीपुर में हथियार के साथ पांच की हुई थी गिरफ्तारी
25 हजार के इनामी अपराधी डब्लू झा के पांच शागिर्दों को पुलिस ने तीन नवंबर 2017 को हलई ओपी के मोरवा राजकीय उत्क्रमित मध्य विद्यालय के समीप से गिरफ्तार किया था। इनके पास से लोडेड एके-47 सहित अन्य हथियार बरामद हुए थे।
जबलपुर से मुंगेर लाए गए 80 एके 47, तस्करों के नक्सलियों से भी जुड़े तार
अवैध हथियारों की काली मंडी के रूप में देश भर में विख्यात मुंगेर में देसी कट्टे से शुरू हुआ अवैध हथियार का कारोबार अब दुनिया के सबसे खतरनाक माने जाने वाले एके-47 जैसे आधुनिक हथियार तक पहुंच गया है। मध्य प्रदेश जबलपुर से 2012 से अबतक तस्करी कर 80 से अधिक एके-47 मुंगेर पहुंचाए गए हैं। अब तक पुलिस ने आठ एके-47 हथियार को बरामद किया है।

Re: Isn't disarming Law Abiding Citizens is the main cause for this...?

Posted: Wed Nov 14, 2018 8:10 pm
by Jkdatta66
The licensing policy in India is the legacy of our colonial past. The British after seizing control over large tract of territory after Battle of Plassey,systematically discouraged local handicraft including gun making.Monghyr in Bihar was an important gun and cannon making ,center ,like many other in rest of the country.Because of the oppression of the British the indigenous gun industry went underground.After independence the successive governments followed the British legacy,so much so that now you need a license for owening a big knife or a sword,air gun,or a Bhala.
While our ordinance factories manifacture sub standard small arms, there is total ban on imports, or they are so prohibitive that they are out of reach of common man.The licensing procedures are so daunting that it is out of reach of vast majority of this countries population.
The demand and need for fire arms is met by increasing supply of sophisticated fire arms being manufactured by under ground units..Some of these fire arms are of reasonably good quality.Their price is also reasonable and they are not very difficult to obtain.
If the aim of the new licensing regime was to control the the availability of fire arms to criminals,anti social,or anti national elements,then the effort has not been a success,as for every licenced fire arm there are undetermined number of unlicensed fire arms in the country.

Re: Isn't disarming Law Abiding Citizens is the main cause for this...?

Posted: Fri Nov 16, 2018 8:25 pm
by goodboy_mentor
Blaming the British or "colonial past" is in all probability, a misplaced idea. The psychopathic mentality or the psychology of the ruling elite needs to be understood. For that one needs to understand what they had been doing for past few millenniums. Unless lessons are learnt from history, history keeps repeating itself. If the reader reads some of my posts in other threads, probably he may get some idea. The posts are represented by four hyperlinks below -

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Re: Isn't disarming Law Abiding Citizens is the main cause for this...?

Posted: Mon Nov 19, 2018 3:57 pm
by ankur_ank007
goodboy_mentor wrote:Blaming the British or "colonial past" is in all probability, a misplaced idea. The psychopathic mentality or the psychology of the ruling elite needs to be understood. For that one needs to understand what they had been doing for past few millenniums. Unless lessons are learnt from history, history keeps repeating itself. If the reader reads some of my posts in other threads, probably he may get some idea. The posts are represented by four hyperlinks below -

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I agree with you completely, it is more of a sadistic fun for bureaucrats and politicians to keep common public disarmed and let them be made sheeps to be made mutton of by criminals.