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Translated via Google (request members to contribute a better translation):वर्षों से शस्त्र लाइसेंस के इंतजार में एडीजे प्रथम, औरों का भी यही हाल
Center, Bhagalpur
Updated: 27 मई, 2017 11:47 PM
खुद की सुरक्षा के लिए शस्त्र लाइसेंस पाना लोगों के लिए मुश्किल भरा साबित हो रहा है। लंबे समय से डीएम कार्यालय में दर्जनों आवेदकों ने शस्त्र लाइसेंस के लिए आवेदन जमा किया है। बावजूद ऐसे आवेदनों पर कार्रवाई करने में जिला प्रशासन दिलचस्पी नहीं दिखा रहा है। ऐसे आवेदकों में कई सरकारी कर्मियों के साथ ही न्यायिक पदाधिकारी भी शामिल हैं। जिला प्रशासन की व्यवस्था तब सामने आती है, जब फांसी की सजा सुनाने वाले न्यायाधीश को भी शस्त्र लाइसेंस पाने में दो साल से अधिक समय का इंतजार करना पड़ता है और नतीजतन उन्हें भी लाइसेंस से वंचित रखा जाता है। नियम के मुताबिक 75 दिनों के भीतर आवेदकों के आवेदन का निष्पादन जिला दंडाधिकारी सह जिलाधिकारी को करने की बाध्यता है। मुंगेर व्यवहार न्यायालय के निवर्तमान एडीजे पंचम सह एडीजे प्रथम ज्योति स्वरूप श्रीवास्तव ने भी शस्त्र लाइसेंस के लिए दो वर्ष पूर्व आवेदन जमा किया था। एडीजे प्रथम ने हाल में ही पांच नक्सलियों को फांसी की सजा दी। इससे पहले भी उन्होंने एक अपराधी को फांसी की सजा दी थी। वहीं अपर लोक अभियोजक संदीप भट्टाचार्या ने भी वर्षों पूर्व एक शस्त्र अनुज्ञप्ति हस्तानांतरण के लिए आवेदन दिया था। ऐसे आवेदन अब भी डीएम कार्यालय में लंबित हैं। आरटीआई में नहीं मिला जवाब आरटीआई कार्यकर्ता ओम प्रकाश पोद्दार ने भी आरटीआई के माध्यम से जिले में एक जनवरी 2011 से 31 दिसंबर 2016 तक जिला दंडाधिकारी द्वारा निर्गत किये गये शस्त्र लाइसेंस की जानकारी मांगी थी। उन्होंने शस्त्र के स्वीकृत व अस्वीकृत आवेदनों का डाटा इसी वर्ष 3 अप्रैल को प्रभारी पदाधिकारी जिला शस्त्र शाखा मुंगेर से मांगा। बावजूद एक माह बाद भी उनके आरटीआई का जवाब नहीं मिला है। निर्देश का नहीं हो रहा पालन शस्त्र लाइसेंस जारी करने के लिए विभाग के निर्देश का पालन नहीं हो रहा है। वर्ष 2014 में सरकार के प्रधान सचिव आमिर सुबहानी ने सभी डीएम व एसपी को शस्त्र लाइसेंस निर्गत करने के संबंध में एक निर्देश निर्गत किया। निर्देश के मुताबिक आवेदन प्राप्त होने के बाद डीएम तुरंतजांच के लिए आवेदन एसपी को भेजेंगे। 45 दिनों के भीतर जिले के एसपी को आवेदन की जांच कराकर डीएम को समर्पित करना है। लापरवाही बरतने पर दोषी पुलिस पदाधिकारियों पर कार्रवाई का भी प्रावधान है। वहीं एसपी का प्रतिवेदन डीएम को प्राप्त होने पर वे 30 दिनों के भीतर शस्त्र लाइसेंस की स्वीकृति के संबंध में नियमानुसार निर्णय लेंगे। 75 दिनों में आवेदकों के आवेदन का निष्पादन करना सुनिश्चित है।
ADJ First, waiting for arms license over the years
Center, Bhagalpur
Updated: May 27, 2017 11:47 PM
Getting the Arms License for self protection is proving difficult for the people. For a long time, dozens of applicants have submitted applications for arms licenses in the DM office. Regardless, the district administration is not showing interest in taking action on such applications. Such applicants include many government employees as well as judicial officers. The system of district administration comes to the fore, when a judge who has sentenced criminals to be hanged, has to wait for more than two years in order to get an arms license, and as a result, he is also deprived of license. According to the rules, applicants' application is required to be executed within 75 days of District Magistrate cum District Magistrate. The ADJ First Jyoti Swaroop Shrivastav, the outgoing ADJ Pancham co-founder of the Munger Behavior Court, also submitted the application two years ago for arms license. ADJ I first recently sentenced five Naxalites to death. Even before this, he had sentenced to death a criminal. At the same time, Additional Public Prosecutor Sandeep Bhattacharya too had applied for a weapon license transit years ago. Such applications are still pending in the DM office. RTI activist Om Prakash Poddar also did not get the answer in the RTI, through a RTI, in the district from January 1, 2011 to December 31, 2016, District Magistrate The information sought was issued by the Arms License. He sought data from the sanctioned and rejected applications of arms on April 3 this year, from the charge officer, District Arms Branch, Munger. Despite this, their reply to RTI even after one month has not been received. Not to be directed by the direction of direction of issuing arms license, the department's instructions are not being followed. In the year 2014, the government's principal secretary, Aamir Mardhani, issued instructions for issuing arms licenses to all DM and SP. According to the instructions, after receiving the application, the DM will send the application for quick review to the SP. Within 45 days the SP of the district has to submit the application and dedicate it to the DM. There is also a provision for action against the guilty police officials on being negligent. At the same time, when DM receives report of SP, they will take decision as per rules in respect of sanction of arms license within 30 days.